Benaam 1974 Full Movie Story & 5 Unknown Facts
साल 1974 में एक ऐसी फिल्म आई थी, जिसने लोगों को कन्फ्यूज करके रखा था। एक फोन कॉल , जिसमे विलन हीरो को बार बार फोन करके धमकी पे धमकी दिए जा रहा है। एक फटा हुआ कागज का इन्विटैशन कार्ड, जिसपर विलन के मौत की मुहर छपी है। और एक अनजानी आवाज। 1974 में आई अमिताभ बच्चन और मौसमी चटर्जी की एक क्राइम थ्रीलर फिल्म , जिसने दर्शकों को आखिर तक चौंका कर रखा था। Benaam 1974 Full Movie Story & 5 Unknown Facts
Benaam 1974 फिल्म की कहानी
फिल्म की शुरुआत में अमित श्रीवास्तव (अमिताभ बच्चन) एक घायल पत्रकार की मदद करता है, जिसे किसी ने चाकू मारकर सड़क पर फेंक दिया था। अमित उसे अस्पताल ले जाता है, उसका इलाज करवाता है। और यही से उसकी ज़िंदगी बदल जाती है। पत्रकार को मारने वाला एक बहुत बड़ा स्मगलर होता है, लेकिन वो सीधे फिल्म में सामने नहीं आता। पूरी फिल्म में वो स्मगलर हीरो को फोन पर धमकियाँ देता है, की अगर वो पत्रकार बच गया तो मैं तुम्हें
पूरी फिल्म में रहस्य यही रहता है कि आखिर फोन पर धमकी देने वाला शख्स है कौन ?
Benaam 1974 में आवाज का खेल
फिल्म के निर्देशक नरेंद्र बेदी और प्रोड्यूसर रंजीत विर्क के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि अगर विलेन के रोल में कोई मशहूर एक्टर आएगा तो दर्शक उसकी आवाज़ से ही पहचान लेंगे। और फिल्म में सस्पेंस नाम की कोई चीज नहीं बचेगी।
प्रेम चोपड़ा को विलेन चुना गया, लेकिन समस्या ये थी कि उनकी आवाज़ तो बच्चे बच्चे जानते थे। इसी बात को लेकर निर्देशक नरेंद्र बेदी और प्रोड्यूसर रंजीत विर्क चिंतित थे, तभी अचानक उन्हे एक आइडिया आया। उन्होंने एक ट्रिक अपनाई, फिल्म के डायलॉग राइटर कादर खान को कहा कि फिल्म में विलन प्रेम चोपड़ा की आवाज तुम बनोगे।
कादर खान भी राजी हो गए, क्योंकि वो फिल्म लाइन में नए थे, और उस समय उनकी आवाज को कोई जानता भी नहीं था। ये इकलोती फिल्म है जिसमें प्रेम चोपड़ा की आवाज कादर खान ने डब की थी।
बेनाम फिल्म से जुड़े रोचक तथ्य
- इस फिल्म में विलेन के रोल के लिए पहले डायरेक्टर की पहली पसंद प्रेम चोपड़ा नहीं थे, वो इस रोल के लिए धर्मेंद्र को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने सोचा कि धर्मेंद्र की आवाज से सभी लोग वाकिफ है, और धर्मेंद्र की आवाज सभी लोग पहचान जायेंगे और फिल्म का सस्पेंस बिगड़ जाएगा, इसलिए उन्होंने इस आइडिया को ड्रॉप कर दिया।
- इस फिल्म के पोस्टर में धर्मेंद्र का चेहरा दिया गया, वो इसलिए कि फिल्म के डायरेक्टर नरेंद्र बेदी की शादी धर्मेंद्र की चचेरी बहन से हुई थी, और धर्मेंद्र उन दिनों बहुत बड़े स्टार थे, इसलिए ऐसा कहा गया कि फिल्म को हिट करवाने के लिए धर्मेंद्र की लोकप्रियता का सहारा लिया जा रहा है। कई मीडिया में यहां तक कहा गया कि ये फिल्म खुद धर्मेंद्र ही बना रहे हैं, एक मीडिया ने लिखा, “Dharmendra Present Benaam”.
- बेनाम फिल्म साल 1956 में आई अल की क्लासिक फिल्म The Man Who Knew Too Much से इंस्पायर्ड थी।
- आमतौर पर फिल्म खत्म होने पर स्क्रीन पर The End लिखा आता है, पर इस फिल्म के अंत में “Please Do Not Reveal The End” लिखा गया, यानी फिल्म के राज़ को राज़ ही रहने दिया जाए की अपील लोगो से की गई। ताकि बाकी लोग भी इस सस्पेंस का मजा ले सके।
- बेनाम फिल्म ने जहां एक तरफ कादर खान को मशहूर किया, वही दूसरी तरफ सिंगर नरेंद्र चंचल को भी पहचान दिलाई। उन्होंने फिल्म के मशहूर गीत “मैं बेनाम हो गया” ऑन स्क्रीन गाया था, बाद में नरेंद्र चंचल जागरात्रों और भक्ति गीतों के बेताज बादशाह बने।
Benaam 1974 Movie Hit Or Flop
जब बेनाम फिल्म रिलीज हुई थी, तब तक अमिताभ की एक ही सुपरहिट फिल्म जंजीर रिलीज हुई थी। और शोले उस समय पूरी बनी नहीं थी, इसी साल उनकी रोटी, कपड़ा और मकान भी आई जो ब्लॉकबस्टर रही। ऐसे में बेनाम भले उतनी बड़ी हिट न बनी हो, लेकिन ये फिल्म लंबे समय तक सिनेमाघरों में चली और आज भी कल्ट थ्रिलर मानी जाती है।
बेनाम एक ऐसी फिल्म थी जिसमें विलेन का चेहरा आख़िर तक छुपा रहा और सिर्फ़ आवाज़ ही कहानी को आगे बढ़ाती रही। कादर खान की डबिंग, अमिताभ बच्चन का दमदार अभिनय और नरेंद्र बेदी का डायरेक्शन, इन सबने मिलकर फिल्म को यादगार बना दिया।
अगर आपको पुराने जमाने की क्राइम थ्रिलर्स पसंद हैं, तो बेनाम फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए। फिल्म से जुड़े विडियोज आप यहां देख सकते हैं।