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Chetan Kumar (Chetan Ahimsa) Biography in Hindi – Life, Films & Activism

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Chetan Kumar Chetan Ahimsa Biography in hindi

चेतन कुमार (Chetan Ahimsa) Biography in Hindi – परिचय

दोस्तों फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे बहुत से सितारे हुए हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग और अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता। लेकिन आज हम जिस अभिनेता के बारे में बात कर रहे है, उन्होंने सिर्फ परदे पर ही नहीं, बल्कि असली जिंदगी में भी इंसाफ और बराबरी की लड़ाई लड़ी।

ये कहानी है Chetan Kumar की. जिन्हें लोग चेतन अहिंसा के नाम से भी जानते हैं।

एक ऐसा कलाकार जो अमेरिका में पैदा हुआ, लेकिन अपना दिल और जीवन भारत के हाशिए पर खड़े लोगों के लिए समर्पित कर दिया।

चेतन कुमार का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early Life & Education)

चेतन कुमार का जन्म 24 फरवरी 1983 को शिकागो, अमेरिका में हुआ था। और यही प उनकी पढ़ाई लिखाई हुई, चेतन कुमार पढ़ाई में होशियार थे। बचपन से ही उनको किताबें पढ़ने का शौक था। वे भारत के इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन और समाज सुधारको से काफी प्रभावित थे।

chetan kumar with his parents.

chetan kumar with his parents.

उच्च शिक्षा के लिए चेतन ने अमेरिका के Yale Univercity में दाखिला लिया, यहाँ से उन्होंने South Asian Studies में स्पेशलाइजेशन किया। पढ़ाई के साथ चेतन लगातार थियेटरों और नाटकों से भी जुड़े रहे। उनका मानना था कि फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि समाज को आईना दिखाने का भी एक माध्यम है। चेतन अमेरिका में पले बढ़े, लेकिन उनके माता पिता ने उन्हें कन्नड़ और भारतीय संस्कृति से जोड़े रखा। साल 2005 में चेतन को Fulbright Scholarship मिली, और वे भारत आ गए। यही से उनके जीवन का असली मोड़ शुरू हुआ।

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कन्नड़ एक्टर चेतन कुमार का फिल्मी करियर (Film Career of Chetan Ahimsa)

चेतन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 2007 में आई फिल्म Aa Dinagalu से की। ये कन्नड भाषा की फिल्म थी। और आज ये फिल्म कन्नड़ सिनेमा के इतिहास में क्लासिक मानी जाती है।  Aa Dinagalu फिल्म 1980 के दशक के गेंगस्टर ड्रामा पर आधारित है। इस फिल्म में चेतन ने मुख्य भूमिका निभाई थी, और उन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग से सबको चौंका दिया था। इस फिल्म के लिए चेतन को बेस्ट डेब्यू ऐक्टर का Udaya Film Award मिला। अपनी पहली ही फिल्म से चेतन ने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी।

Shakti Kapoor Biography in Hindi – 700 फिल्मों के सुपरस्टार की पूरी कहानी

इसके बाद उन्होंने Birugaali Suryakaanti और Dashamukha जैसी हिट फिल्मों में भी काम किया, लेकिन उनको असली पहचान मिली, साल 2013 में आई फिल्म मैना (Mynaa) से।

Chetan kumar in mynaa kannada movie

Chetan kumar in mynaa kannada movie

ये फिल्म एक बेहद ही संवेदनशील कहानी पर आधारित थी। जिसमें उन्हे कॉलेज खेल ग्रुप की तरफ से एक टास्क मिलता है, की उनको अपाहिज का नाटक करके ट्रेन में लोगों से भीख मांगकर पैसे इकट्ठा करने होते है। और ट्रेन में चेतन की मुलाकात नित्या से होती है जो खुद भी अपाहिज है, और दोनों को प्यार हो जाता है।

Mynaa फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई । इसके बाद चेतन ने Noorondu Nenapu, Athiratha और Ranam जैसी फिल्मों में भी काम किया। उनकी खासियत ये थी कि वो हमेशा अलग तरह से किरदार चुनते थे, और हर किरदार को गहराई से निभाते थे।

Chetan Ahimsa as Social Activist – सामाजिक कार्य और एक्टिविज़्म

चेतन कुमार की पहचान सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने सामाजिक कार्यों में भी अपना योगदान देकर एक अलग पहचान बनाई है। वे दलितों, किसानों, आदिवासियों, ट्रांसजेंडर और हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज बने।

Chetan Kumar Social Activist

Chetan Kumar Social Activist

साल 2018 में जब कोडागु में भीषण बाढ़ आई थी तब चेतन ने आगे आकार राहत कार्यों में लोगों की मदद की थी। कोविड 19 के दौरान उन्होंने ग्रामीण इलाकों के जरुरतमन्द लोगों को राशन और खाने पीने का सामान पहुंचाया। इसके अलावा चेतन ने कब्रिस्तान में काम करने वाले लोगों और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की भी आवाज उठाई।

FIRE पहल – फिल्म इंडस्ट्री में बराबरी और अधिकार की लड़ाई

2017 में चेतन ने FILM INDUSTRY FOR RIGHTS AND EQUALITY {FIRE} की स्थापना की, जिसका मकसद था कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं, कलाकारों, वर्करों और लेखकों को सुरक्षित माहौल देकर यौन उत्पीड़न और शोषण से बचाना, उनके अधिकारों और समानता की रक्षा करना। चेतन अहिंसा का मानना था कि अगर फिल्म इंडस्ट्री बदल सकती है तो समाज भी बदल सकता है।

चेतन कुमार के विवाद और चुनौतियाँ (Controversies of Chetan Ahimsa)

चेतन कुमार समाज के लिए जितना लड़े, उतने ही वो विवादों में भी फँसते रहे।

Chetan Kumar Social Activist

Chetan Kumar Social Activist

साल 2022 में कर्नाटक के हिजाब विवाद पर उन्होंने एक जज पर कमेन्ट कर दिया था, जिस कारण उन्हे गिरफ्तार करके जेल भेज गया।

साल 2023 में उन्होंने ट्वीटर {अब X} पर एक विवादित लाइन लिख दी, “हिन्दुत्व झूठ पर आधारित है।” इसके बाद उन्हे फिर से गिरफ्तार किया गया। बाद में कई सामाजिक संगठनों ने चेतन के समर्थन में आवाजें उठाई और कहा कि चेतन सच बोलने की वजह से निशाना बनाए जा रहे है।

इसके बावजूद चेतन ने काभी हार नहीं मानी, उन्होंने साफ कहा की, अगर सच बोलने की वजह से जेल जाना पड़े तो वे हमेशा तैयार है।

 

Chetan Ahimsa का निजी जीवन और सोच (Personal Life & Progressive Values)

बात अगर चेतन के निजी जीवन की करें, तो उन्होंने साल 2020 में सामाजिक कार्यकर्ता मेघा श्रीवास्तव से शादी की। उन्होंने शादी भी बिल्कुल अनोखे तरीके से की। शादी का कार्ड बीज कागज से बनवाया गया, ताकि उसे मिट्टी में बोने से पौधा उग सके।

Chetan Kumar With His Wife Megha Shrivastva

Chetan Kumar With His Wife Megha Shrivastva

इतना ही नहीं, उनकी शादी की रस्में भी एक ट्रांसजेंडर सामाजिक कार्यकर्ता ने सम्पन्न कराई थी। ये छोटी छोटी बातें चेतन कुमार की सोच और उनके समाज सुधार के नजरिए को दिखाती है। उनका मानना है की समानता और इंसाफ से ही समाज मजबूत बन सकता है।

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Shakti Kapoor Biography in Hindi – 700 फिल्मों के सुपरस्टार की पूरी कहानी, बचपन से बॉलीवुड तक का सफर

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Shakti Kapoor Biography in hindi

Shakti Kapoor – हिन्दी सिनेमा का ऐसा नाम जिसने अपनी खतरनाक विलेनी से दर्शकों को खूब डराया और फिर अपनी कॉमेडी से खूब हँसाया भी। चार दशकों से bollywood में ऐक्टिव Shakti Kapoor ने 700 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है, और अपनी एक अलग पहचान बनाई है। शक्ति कपूर की कहानी संघर्ष, विवाद और सफलता की दिलचस्प कहानी है, जिसे जानना हर सिने प्रेमी के लिए जरूरी है।

Shakti Kapoor का शुरुआती जीवन

शक्ति कपूर का जन्म 3 सितंबर 1952 को दिल्ली के कारोल बाग में हुआ था। इनके पिता का नाम सिकंदर लाल कपूर था और वे एक टेलर मास्टर थे, दिल्ली के कनॉट पेलेस में उनकी खुद की दुकान थी। एक छोटे से घर में वो अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ खुशी से रह रहे थे।  सिकंदर लाल कपूर ने अपने बेटे को नाम दिया था सुनील कपूर, यानि शक्ति कपूर का असली नाम सुनील कपूर है।

स्कूल से निकाले गए Shakti Kapoor

Shakti Kapoor बचपन से ही बड़े शरारती थर, स्कूल में इनका मन पढ़ाई में कम और आवारगर्दी में ज्यादा लगता था, इस वजह से इन्हे स्कूल से निकाला जा चुका था, लेकिन जैसे तैसे इन्होंने 12 वीं की पढ़ाई पूरी की और स्पोर्ट्स कोटे से इन्हे दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन मिल गया।

जब कैप्टन की गर्लफ्रैंड से चला Shakti Kapoor का अफेयर

कॉलेज के दिनों से ही शक्ति कपूर बढ़िया क्रिकेट खेलते आए  है। इसी वजह से इन्हे किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन मिल था, लेकिन यहाँ पर उनका अफेयर टीम के कप्तान की गर्लफ्रेंड से हो गया। जब कैप्टन को इस बात का पता चला तो उन्होंने ना सिर्फ शक्ति कपूर से अपनी गर्लफ्रेंड को दूर किया बल्कि शक्ति कपूर को क्रिकेट टीम भी निकलवा भी दिया।

मॉडलिंग और शुरुआती करियर

कॉलेज के दिनों से ही शक्ति कपूर को मॉडलिंग के ऑफर्स आने लगे थे, दरअसल यए जिस पान की दुकान से सिगरेट खरीद कर पीते थे, उसका मालिक अक्सर इनसे कहता था, की तुम्हारी शक्ल सूरत काफी अच्छी है तुम्हें मॉडलिंग या फिल्मों में काम करना चाहिए। और शक्ति कपूर की किस्मत ने भी साथ दिया, इन्हे जलाल आग़ा ने सूर्यावंशी शूटिंग्स नाम के एक Clothing ब्रांड का ऐड शूट करने का ऑफर मिला। इसके बाद इन्हे और भी कई ऐड शूट करने के ऑफर आए, इनसे इनकी इतनी कमाई हो जाती थी की यए दोस्तों के साथ सिगरेट शराब और आवारागर्दी कर सके।

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ट्रैवल एजेंसी खोलने का सपना

शक्ति कपूर जब कॉलेज में थे तभी से उनका सपना खुद की ट्रेवल एजेंसी खोलने का था। और उनको इसका तजुर्बा भी था, दरअसल कॉलेज के दिनों में वो एक ट्रेवल अजेंसी में भी काम कर चुके थे, उनके पिता ने उनसे कहा था की तुम मेरी दुकान से आधा हिस्सा लेकर अपनी ट्रेवल एजेंसी खोल सकते हो।

लेकिन जब शक्ति कपूर अपनी ट्रेवल एजेंसी शुरू करने ही वाले थे, तभी अचानक उनके पिता ने उनको अपनी दुकान में आधी जगह देने से साफ इनकार कर दिया। शक्ति कपूर हैरान रह गए और सोच में पड़ गए की अब वो आखिर करें तो करें क्या?

Shakti Kapoor Biography in hindi

Shakti Kapoor Biography in hindi

FTII और मुंबई का सफर

पिता के मना करने के बाद शक्ति कपूर को अपने भविष्य की चिंता होने लगी और वो परेशान रहने लगे। तभी उन्हे पता चला की इनके दोस्त FTII पुणे में एडमिशन लेने का प्लान बना रहे है, और उसका फॉर्म भर रहे है, दोस्तों को ऐसा करते देख शक्ति कपूर ने भी ये सोचकर फॉर्म भर दिया कि अगर एडमिशन नहीं मिला, तो कम से कम पुणे घूमने का मौका तो मिलेगा। और दोस्तों के साथ ये निकल पड़े पुणे के लिए, इत्तेफाक से इनके किसी दोस्त का तो एडमिशन FTII में नहीं हुआ, लेकिन इन्हे जरूर FTII में चुन लिया गया, तभी शक्ति कपूर को एहसास हो गया था की किस्मत ने उनके लिए क्या प्लान किया है।

फिल्मी करियर की शुरुआत

SHAKTI KAPOOR जब FTII में थे तभी इन्हे एक फिल्म में काम करने का मौका मिल गया, उस फिल्म का नाम था “खेल खिलाड़ी का” जिसमे धर्मेन्द्र और शबाना आजमी मुख्य भूमिका में थे। ये फिल्म तो उतना नहीं चल पाई लेकिन शक्ति कपूर के उस छोटे से रोल को दर्शनों ने पसंद किया।

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बड़े ब्रेक और करियर की बुलंदी

खेल खिलाड़ी का फिल्म के बाद इन्होंने दरवाज़ा, अलीबाबा मरजीना सहित कई फिल्मों में काम किया, लेकिन इनको सफलता मिली साल 1981 में आई संजय दत्त की फिल्म रॉकी से। रॉकी जब रिलीज हुई तो फिल्म इंडस्ट्री यए समझ गई की शक्ति कपूर में काफी पोटेन्सियल है, और वे एक बढ़िया कलाकार है, इसके बाद तो शक्ति कपूर की किस्मत पूरी तरह से पलट गई। फिल्मों के ऑफर आने लगे, और देखते ही देखते शक्ति कपूर भारत में एक जाना पहचाना चेहरा बन गए।

सुनील कपूर से कैसे बने Shakti Kapoor?

सुनील कपूर से शक्ति कपूर बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल सुनील दत्त ने इन्हे रॉकी फिल्म में कास्ट किया था, और वो शक्ति कपूर की एक्टिंग से काफी प्रभावित थे। एक दिन उन्होंने शक्ति कपूर को अपने पास बुलाया और उनसे कहा की तुम्हारी ऐक्टिंग तो शानदार है और तुम विलेन के रोल में जचते भी हो, लेकिन तुम्हारा नाम तुम्हारे काम से मैच नहीं करता, तो क्यों ना तुम अपना नाम सुनील कपूर से बदल कर शक्ति कपूर रख लो।

सुनील दत्त साहब का यए आइडिया शक्ति कपूर को भी पसंद आया, और इस तरह सुनील कपूर बन गए शक्ति कपूर।

विलेन से कॉमेडियन तक का सफर

रॉकी के बाद इन्हे प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई जैसे दिग्गज डायरेक्टर्स ने अपनी फिल्मों में काम देना शुरू कर दिया। शुरू में इन्हे विलेन के रोल मिले। और बाद में कॉमेडी में भी खूब नाम कमाया। कादर खान और शक्ति कपूर की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे हिट जोड़ियों में से एक थी, गोविंदा के साथ भी इनकी जोड़ी खूब जमी। राजा बाबू में इनके नंदू के किरदार को याद करके तो लोग आज भी हँसते हँसते लोटपोट हो जाते है। तो वही अंदाज अपना अपना में क्राइम मास्टर गोगो का किरदार निभाकर इन्होंने अपना नाम सिनेमा में इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखवा लिया।

Shakti Kapoor का निजी जीवन

शक्ति कपूर में शिवांगी कोल्हापुरे से शादी की थी। शिवांगी कोल्हापुरे 80 और 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे की बहिन है। शक्ति कपूर और शिवांगी कोल्हापुरे ने साथ में एक फिल्म में काम किया था, और वहीं से इन दोनों को प्यार हो गया था। लेकिन शुरुआत में शिवांगी के माता पिता को शक्ति कपूर पसंद नहीं थे। इसलिए उन्होंने शिवांगी पर घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी।

एक दिन मौका पाकर शिवांगी घर से भागकर शक्ति कपूर के पास आ गई और दोनों ने माता पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी कर ली। इस घटना के बाद शिवांगी के माता पिता बहुत नाराज हुए और उन्होंने शिवांगी से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लिए।

फिर जब शक्ति कपूर का बीटा सिद्धांत हुआ तब जाकर उनकी नाराजगी खत्म हुई और उन्होंने शक्ति कपूर को अपना दामाद स्वीकार कर लिया।

विवादों से भरा रहा Shakti kapoor का जीवन

शक्ति कपूर का जीवन काफी विवादो से घिरा रहा, साल 2000 में इनकी एक फिल्म आई “मेरे आगोश में” इस फिल्म में शक्ति कपूर के कई आपत्तिजनक सीन थे। उस सीन में नजर आने वाली लड़की ने छाती पर कुछ नहीं पहना था, यानि टॉपलेस थी, और शक्ति कपूर उनपर रैप सीन कर रहे थे। इन सीन्स के आने के बाद काफी विवाद हुआ और शक्ति कपूर की काफी बदनामी भी हुई।

इसके बाद साल 2005 में इंडिया टीवी ने अपने एक स्टिंग ऑपरेशन में शक्ति कपूर का एक विडिओ जारी किया जिसमें शक्ति कपूर एक एक्ट्रेस को फिजिकली इंटीमेट होने के कह रहे थे, इसके बदले में शक्ति कपूर ने उसको फिल्मों में काम देने का वादा किया। इस विडिओ के बबद तो शक्ति कपूर की खूब बदनामी हुई, और उनकी ज़िंदगी उथल पुथल हो गई।

Shakti Kapoor का योगदान और विरासत

शक्ति कपूर से जुड़े विवादों को अगर भूल दिया जाए तो यए कहने में कोई अतिसयोक्ति नहीं होगी कि शक्ति कपूर एक बेहद उमदा कलाकार है। हिन्दी सिनेमा में उनके जैसा कलाकार फिर कभी नहीं आएगा। शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा कपूर भी आज बॉलीवुड में एक बड़ा नाम बन चुकी है। और शक्ति कपूर भी अभी फिल्मों में ऐक्टिव है। बॉलीवुड में उनके योगदान को हम सलाम करते है।

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90s Villain Raghuvaran Death Story: 90s का वो विलेन जिसने हीरो को भी पीछे छोड़ दिया.

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80 और 90 दशक का वो खतरनाक विलेन जिसका नाम सुनते ही सिनेमा हाल में सन्नाटा छा जाता था। जिसके सामने बड़े बड़े हीरो फीके पड़ जाते थे। जो फिल्मों में आया तो था हीरो बनने पर विलन बन कर रह गया। साउथ से लेकर बॉलीवुड तक रघुवरन ने अपने विलेन के किरदारों से दर्शकों के दिलों में खौफ और सम्मान दोनों ही जगा दिए थे। उनके डायलॉग्स और आंखों में गुस्से की जो जलन थी, वह किसी और के पास नहीं थी।

रघुवरन का शुरुआती जीवन

रघुवरन का जन्म 11 दिसंबर 1958, केरल में हु था। पिता छोटा होटल चलाते थे और परिवार सामान्य जीवन जी रहा था। बचपन से ही वो पढ़ाई में कमजोर थे, लेकिन दोस्तों के साथ सिनेमा देखकर उनका झुकाव ऐक्टिंग की तरफ झुक गया। उन्होंने अपनी बीए की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर चेन्नई के MGR ऐक्टिंग स्कूल में दाखिल ले लिया।

हीरो से विलेन तक का सफर

रघुवरन ने साल 1982 में एक तमिल फिल्म से बतौर हीरो अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन वो फिल्म बुरी तरह से पीट गई। उन्होंने समझ लिया की हीरो बनकर उनकी दाल गलने वाली नहीं है, तो उन्होंने साल 1983 में सिल्क नायक की एक तमिल फिल्म में विलन का रोल निभाया तो उनके करियर की गाड़ी दौड़ पड़ी, उन्होंने फैसला कर लिया की अब वो फिल्मों में सिर्फ खलनायक का रोल ही निभाएंगे।

बॉलीवुड में एंट्री और हिट फिल्में

पहली बार उन्होंने राम गोपाल वर्मा की फिल्म शिवा के हिन्दी रीमेक में नागार्जुन के साथ काम किया, और इस फिल्म में भी उन्होंने विलेन का ही रोल किया। रघुवरन ने फिल्म में भवानी का रोल निभाया था, और ये रोल इतना दमदार था की हर कोई रघुवरन की ऐक्टिंग देखकर हैरान हो गया।

यादगार बॉलीवुड फिल्में

इसके बाद रघुवरन ने दिलीप कुमार की फिल्म इज़्ज़तदार (1990) में भी विलेन का ही रोल किया। बाद में सुनील शेट्टी के साथ फिल्म रक्षक (1996) में और अमिताभ के साथ लाल बादशाह (1999) में उन्होंने विलेन  का रोल करके दर्शकों को खूब डराया। साल 2000 में रन फिल्म में वो माधवन के बहनोई बने और सबके दिलों में जगह बना ली।

रजनीकांत का पसंदीदा विलेन

बात दे की साउथ के सुपरस्टार रजनीकान्त भी रघुवरन की ऐक्टिंग के कायल थे। रजनीकान्त कहते थे की मेरी फिल्म अगर हिट हुई है तो सिर्फ रघुवरण की वजह से। यहाँ तक की वो खुद डायरेक्टर से कहकर रघुवरन को अपनी फिल्मों में लेकर आते थे।

रघुवरन की पर्सनल लाइफ

रघुवरन ने साल 1996 में रोहिणी से शादी की, इनसे इन्हे एक बेटा भी हुआ, लेकिन ये शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी।करियर के साथ साथ उनको शराब की लत लग गई  और फिर 2004 में उनका तलाक हो गया। तलाक हो जाने के बाद अकेलेपर का साथी सिर्फ शराब ही थी। वो दिन रात नशे में चूर रहने लगे।

दर्दनाक अंत | रघुवरन की मौत

अत्यधिक मात्रा में शराब की लत के चलते उनका लीवर खराब हो गया, अस्पताल में बार बार भर्ती होने लगे, लेकिन शराब की लत फिर भी नहीं छूटी। और फिर एक दिन 19 मार्च 2008 की सुबह लगभग 6:00 बजे उनका दिल धड़कना बंद हो गया, कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही रघुवरन दुनिया को छोड़कर जा चुके थे। 

रघुवरन भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके निभाए किरदार हमेशा याद किए जाएंगे। वो विलेन जिसने हीरो से ज्यादा ताली बजवाई, वही रघुवरन आज भी फिल्म इंडस्ट्री के लेजेंड्स में गिने जाते हैं। रघुवरन की कहानी विस्तार से जानने के लिए आप नीचे दिए गए विडिओ को जरूर देखे।

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Devdas Casting Controversy: सैफ अली खान और करीना कपूर क्यों हुए बाहर?

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Saif Ali Khan And Kareen Kapoor Rejected Devdas

Saif Ali Khan Rejected From Devdas: सांवरिया, गोलियों की रास लीला – रामलीला , हम दिल दे चुके सनम, बाजीराव मस्तानी, पद्मावत और गंगुबाई काठियावाड़ी जैसी फिल्मों बनाने वाले डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने 23 साल पहले भारत की सबसे महंगी फिल्म बनाई थी। जिसने भारतीय सिनेमा में इतिहास रच दिया था। Devdas Movie

इस फिल्म में शाहरुख खान, जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित, ऐश्वर्या राय, टीकू तलसानिया, विजयेंद्र घाटगे जैसे कई कलाकार नजर आए थे। लेकिन क्या आपको पता है कि जब संजय लीला भंसाली इस फिल्म को बनाने की सोच रहे थे तब उन्होंने शाहरुख खान को देवदास और सैफ अली खान को चुन्नी बाबू के रोल में लेने का विचार किया था। लेकिन किन्ही कारणों की वजह से ये स्टारकास्ट पूरी नहीं हो पाई और चुन्नी बाबू के किरदार के लिए जैकी श्रॉफ को साइन कर लिया गया। Devdas Movie साल 2002 में रिलीज हुई थी और इसे दमदार सेट, दमदार संगीत और धमाकेदार एक्टिंग के लिए सराहा गया था।

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Devdas Movie से निकाले गए सैफ अली खान 

सिनेमा के कुछ जानकार अक्सर ये कहते है कि सैफ को फिल्म से निकाला गया , पर हकीकत कुछ और ही है। साल 2001 में सैफ अली खान ने एक इंटरव्यू में कहा था, कि उन्होंने संजय लीला भंसाली को फिल्म Devdas के लिए कभी मना नहीं किया। असली वजह पैसों को लेकर गलतफहमी थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई ज्यादा पैसे नहीं मांगे थे, लेकिन बातचीत खत्म कर दी गई और उन्हें इसकी जानकारी भी सही समय पर नहीं दी गई।

Saif Ali Khan on Devdas Role

सैफ अली खान ने एक बार इंटरव्यू में बताया था, कि भले ही उन्हें देवदास में चुन्नीलाल का रोल मिल भी जाता, तो भी वे खुद को उस किरदार में फिट नहीं मानते थे। उनका कहना था कि चुन्नीलाल का किरदार उनकी पर्सनैलिटी से मेल नहीं खाता। सैफ ने मजाक में ये भी कहा था कि “पुरानी देवदास फिल्म में मोतीलाल ने ये रोल निभाया था और कम से कम मोतीलाल और चुन्नीलाल तो तुकबंदी करते हैं।” यानी उन्हें ये रोल उतना खास नहीं लगा।

Kareena Kapoor’s Devdas Experience

दिलचस्प बात ये है कि करीना कपूर का भी देवदास से जुड़ा एक एक्सपीरियंस रहा। उन्होंने एक बार बताया था कि संजय लीला भंसाली ने उन्हें पारो के रोल के लिए स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया था और एडवांस पैसे भी दिए थे। लेकिन बाद में ये रोल ऐश्वर्या राय को दे दिया गया। उस समय करीना अपने करियर की शुरुआत कर रही थी और यह बात उन्हे बहुत खली। करीना ने कहा कि उसी दिन उन्होंने यादें फिल्म साइन की और भंसाली से हमेशा के लिए दूरी बना ली।

करीना ने साफ कहा था कि उन्हें संजय लीला भंसाली ने चोट पहुंचाई थी और उसने ठान लिया था कि चाहे काम ना मिले पर वो भंसाली के साथ कभी काम नहीं करेगी।

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भंसाली ने आरोपों को नकारा:

हालांकि भंसाली ने इन आरोपों पर कहा था कि, स्क्रीन टेस्ट देने का मतलब ये नहीं है कि रोल पक्का ही हो गया। कई बार स्क्रीन टेस्ट फैल हो जाने पर भी दूसरे स्टार को सिलेक्ट किया जाता है।

बता दे कि यही वजह करीना और भंसाली के बीच खटास का कारण बनी। यहाँ तक कि करीना ने एक बार विक्की कौशल को एक बातचीत में मजाक में कहा था कि उनका और भंसाली का रिश्ता लव एंड वॉर जैसा है।

बता दे देवदास फिल्म 2002 में रिलीज हुई थी, इसका बजट 44 करोड़ था और इसने वर्ल्डवाइड में 100 करोड़ की कमाई की थी। और ये फिल्म उस समय की सबसे महंगी फिल्म थी।

Devdas Movie के बारे में अधिक जानने के लिए हमने एक detailed वीडियो बनाया है, इस विडिओ को जरूर देखिए।

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