Sholay Facts: जब फिल्म को कहा गया “डब्बा”
1975 में रिलीज़ हुई Sholay आज भी बॉलीवुड की सबसे बड़ी कल्ट क्लासिक फिल्मों में गिनी जाती है। लेकिन शुरुआत में इसे फ्लॉप और डब्बा फिल्म कहा गया था। अमजद खान का निभाया गब्बर सिंह का किरदार फिल्म की जान बना, लेकिन पहले लोग उन्हें पहचानते तक नहीं थे।
Amjad Khan के बेटे शादाब खान ने ETimes को दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि Tom Alter साहब ने शोले फिल्म के बारे में एक दिलचस्प किस्सा सुनाया था। एक बार टॉम अल्टर साहब मुंबई के बांद्रा स्थित Moti Mahal Restaurant में गए थे वहा पर एक वेटर ने टॉम ऑल्टर से कहा, कि सर, आपने Sholay फिल्म देखी? कितनी डब्बा फिल्म है! संजीव कुमार के तो फिल्म में हाथ ही नहीं हैं, अमिताभ और धर्मेंद्र पूरी फिल्म में बस सिक्का ही उछालते रहते हैं, जया भादुरी पूरी फिल्म में लालटेन लेकर खड़ी रहती हैं। और ये Amjad Khan कौन है? क्या अजीब डायलॉग बोलता है, कितने आदमी थे? बिल्कुल बकवास फिल्म है। आप यए फिल्म मत देखना।”
इत्तेफाक से चार महीने बाद टॉम ऑल्टर फिर उसी रेस्तरां में गए। वहाँ पर वही वेटर आया, लेकिन उसे याद नहीं था कि वो चार महीने पहले भी टॉम ऑल्टर से मिल चुका था। और बातों बातों में उसने कहा, “सर आपने शोले फिल्म देखी? कितनी गजब फिल्म है शोले। संजीव कुमार के हाथ नहीं है, अमिताभ और जाया का रोमांस और अमजद खान के डायलॉग्स, खासकर कितने आदमी थे, कितनी जबरदस्त फिल्म है, आप यए फिल्म जरूर देखना”
यानी शुरु में जिस फिल्म को लोग डब्बा फिल्म कह रहे थे, वही फिल्म कुछ ही महीनों में Bollywood का इतिहास बन गई थी।
शादाब खान ने उस इंटरव्यू में शोले फिल्म का उनका पसंदीदा डायलॉग भी बताया, उन्होंने कहा कि मुझे शोले का वह डायलॉग, “ये रामगढ़ वाले अपनी लड़कियों को कौनसी चक्की का आटा खिलाते है” और “जो डर गया, समझो मर गया” मेरे पसंदीदा डायलॉग्स है।
Tom Alter Biography: Amjad Khan के साथ दोस्ती का किस्सा
ये बात सन् 1977 में रिलीज हुई फिल्म “हम किसी से कम नहीं” की शूटिंग के दौरान की है। तब तक फिल्म इंडस्ट्री में ये बात फैल चुकी थी, कि इंडस्ट्री में एक नया ऐक्टर आया है, जो दिखने में तो एकदम अंग्रेज जैसा दिखता है, लेकिन हिन्दी और उर्दू बहुत फटाक से भारतीयों की तरह बोलता है। अमजद खान ने भी टॉम ऑल्टर के बारे में सुन रखा था, ”हम किसी से कम नहीं” में अमजद खान मुख्य विलेन का किरदार निभा रहे थे, जब अमजद खान को पता चला की टॉम ऑल्टर इस फिल्म में उनके साथ काम करेंगे तो वो उनसे मिलने के लिए काफी उत्साहित हुए।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की 1976 में आई धर्मेंद्र की फिल्म चरस में भी टॉम ऑल्टर साहब ने काम किया था। और उसमें भी अमजद खान विलेन के रोल में थे, लेकिन उस फिल्म में अमजद खान और टॉम ऑल्टर साहब का एक भी सीन साझा नहीं था, इस वजह से दोनों की मुलाकात भी नहीं हो पाई थी।
“हम किसी से कम नहीं” फिल्म में भी टॉम ऑल्टर साहब का रोल छोटा ही था। फिल्म के आखिर के कुछ सीन्स में वो हेलिकाप्टर उड़ाते हुए नजर आते है। फिल्म के सेट पर जब पहली बार अमजद खान और टॉम ऑल्टर साहब मिले, तो अमजद खान ने उनसे पूछा, “भाई टॉम ऑल्टर, तुम इतनी अच्छी हिन्दी कैसे बोल लेते हो?”
जवाब में टॉम ऑल्टर ने उनसे फटाफट हिन्दी में बात करनी शुरू कर दी, ये देखकर अमजद खान बेहद हैरान और खुश हुए। उन्होंने टॉम ऑल्टर को गले लगाकर बाहों में उठा लिया, और मजाक में हँसते हुए बोले, “मैं नहीं मानता की तुम इतनी अच्छी हिन्दी बोलते हो, बताओ तुमने टेप रिकॉर्डर कहाँ छुपा रखा है?” टॉम ऑल्टर ने हैरान होकर कहा, “अमजद भाई आप किस टेप रिकॉर्डर की बात कर रहे है?”
अमजद खान बोले कि, “नहीं तुमने कहीं तो टेप रिकॉर्डर छिपा रखा है।” तब टॉम ऑल्टर ने अमजद खान को बताया, कि “उनका जन्म भारत में ही हुआ है, उनके पिता भी भारतीय ही है, किसी जमाने में उनके दादाजी अमेरिका से भारत आकर बसे थे।” ये सुनकर अमजद खान बहुत खुश हुए और उस दिन से दोनों की गहरी दोस्ती हो गई थी। फिर तो जब भी मुलाकात होती, बड़ी गर्मजोशी से मिलते। घर-परिवार तक का आना-जाना भी होने लगा था।
Bollywood Trivia: Raj Kapoor और Tom Alter
अगला किस्सा जुड़ा है राज कपूर की 1985 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से। इस फिल्म में टॉम ऑल्टर जी ने हीरोइन मंदाकिनी के बड़े भाई का किरदार निभाया था। रोल भले ही छोटा था, लेकिन कहानी के लिहाज़ से काफी अहम था।
फिल्म की शूटिंग कश्मीर में चल रही थी। टॉम ऑल्टर जी की राज कपूर से अच्छी बनती थी। एक दिन लंच के समय उन्होंने राज कपूर से मज़ाकिया अंदाज़ में पूछा, “राज साहब, आपने इस रोल के लिए मुझे ही क्यों चुना?”
राज कपूर ने अपने मस्त अंदाज़ में तुरंत जवाब दिया, “टॉम बेटा, मैंने तुम्हें इसलिए लिया क्योंकि मंदाकिनी की तरह तुम्हारी आंखें भी नीली हैं।”
राज कपूर का ये जवाब सुनकर टॉम ऑल्टर जी हँसते हुए बोले, “लेकिन राज साहब, आपकी आंखें भी तो नीली हैं।”
इस पर राज कपूर ठहाका लगाते हुए बोले, “बात तो सही है बेटा… लेकिन इस बुढ़ापे में मुझे हीरोइन के भाई के रोल में कौन देखना चाहेगा?”
राज कपूर की इस बात पर वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े और सेट का माहौल और भी खुशनुमा हो गया।
Aashiqui का किस्सा: जब बच्चा डर गया
आप सब जानते हैं कि महेश भट्ट की म्यूज़िकल ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘आशिकी’ में टॉम ऑल्टर जी ने कितना अहम रोल निभाया था। इस फिल्म में टॉम ऑल्टर हिरोइन अन्नू अग्रवाल के हॉस्टल वार्डन का किरदार निभाया था। जिसने दर्शकों पर काफी स्ट्रॉन्ग और नेगेटिव असर छोड़ा था।
फिल्म रिलीज़ के करीब एक महीने बाद की बात है। टॉम साहब मुंबई एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ने जा रहे थे। चूंकि उस वक्त तक वो फिल्मों का जाना-पहचाना चेहरा बन चुके थे, इसलिए लोग उन्हें देखकर ऑटोग्राफ मांगने लगते थे। उस दिन भी कई फैंस उनके पास पहुंचे।
उनमें एक फैमिली भी थी, जिसके साथ एक छोटा बच्चा था। जब उस बच्चे के माता-पिता टॉम ऑल्टर से ऑटोग्राफ ले रहे थे, तभी बच्चे ने उन्हें देखते ही ज़ोर-ज़ोर से रोना शुरू कर दिया। वो बच्चा रोते हुए बोला, “अरे ये तो वही विलेन है जो आशिकी में था…!”
उसके माता-पिता ने बच्चे को समझाने की बहुत कोशिश की। उन्होंने कहा, “बेटा, ये असल ज़िंदगी में विलेन नहीं हैं। वो तो बस फिल्म का रोल था।” मगर बच्चा मान ही नहीं रहा था और लगातार रोता जा रहा था। आखिरकार मजबूरन उसके माता-पिता उसे लेकर वहां से चले गए।
बाद में टॉम ऑल्टर साहब ने ये किस्सा अपने घरवालों को सुनाते हुए कहा, कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ‘आशिकी’ में मेरे किरदार की निगेटिविटी इतनी इंटेंस हो जाएगी कि कोई बच्चा मुझे असली ज़िंदगी में भी विलेन समझने लगेगा।”
Junoon Serial और भाषा का मजेदार वाकया
टॉम ऑल्टर साहब का अगला किस्सा जुड़ा है, दूरदर्शन के सुपरहिट शो ‘जुनून’ से।
इस शो में उन्होंने केशव कलसी का किरदार निभाया था, जो उस दौर में घर-घर में पॉपुलर हो गया था।
एक दिन सेट पर शूटिंग चल रही थी। तभी एक साथी कलाकार लगातार टॉम साहब को घूरता जा रहा था। टॉम को लगा कि शायद वो उनसे वही सवाल पूछना चाहता है, जो अक्सर लोग उनसे पूछते थे, कि आपकी पैदाइश कहां हुई है?, आप इतनी अच्छी हिंदी और उर्दू कैसे बोल लेते हैं?
असल में, पहली नज़र में टॉम साहब को देखकर ज्यादातर लोग यही मान लेते थे कि वो विदेशी हैं। लेकिन जब उन्हें धाराप्रवाह हिंदी और उर्दू बोलते सुनते, तो वे दंग रह जाते।
शूट खत्म होने के बाद जब टॉम ऑल्टर मेकअप रूम में मेकअप उतार रहे थे, तभी वही कलाकार वहां आया। उसने कहा –
“टॉम सर, मैं कई दिनों से आपसे एक बात पूछना चाहता था।”
टॉम मुस्कुराए और बोले –
“पूछिए… वैसे मुझे लगता है, मैं पहले से जानता हूं कि आप क्या पूछने वाले हैं।”
लेकिन जब उस कलाकार ने अपना सवाल किया, तो टॉम साहब हैरान रह गए।
उसने पूछा –
“मैंने सुना है, आप बड़ी अच्छी अंग्रेज़ी बोलते हैं। क्या ये सच है?”
ये सुनकर पहले तो टॉम कुछ सेकंड चुप रहे, फिर ज़ोर से हंस पड़े और उस कलाकार को गले लगा लिया।
हंसते हुए उन्होंने कहा –
“ज़िंदगी भर लोगों ने मुझसे यही पूछा कि मैं इतनी अच्छी हिंदी कैसे बोल लेता हूं। आप पहले इंसान हैं जिसने पूछा कि मैं इतनी अच्छी अंग्रेज़ी कैसे बोल लेता हूं।”
उस शाम जब टॉम ऑल्टर घर लौटे, तो उन्होंने यह किस्सा अपने परिवार को सुनाया। सुनकर घरवाले भी खूब हंसे।
यह भी पढ़े 👉 शोले फिल्म में गब्बर सिंह का पूरा नाम क्या था? Sholay Movie Facts Hindi
जब एक बड़े रोल से निकाल दिए गए
अब सुनिए एक ऐसा किस्सा, जिसे टॉम ऑल्टर साहब के बेटे जेमी ऑल्टर ने कभी शेयर किया था।
यह किस्सा थोड़ा दुखी कर देने वाला है।
जेमी ने इस वाकये में शामिल किसी भी शख्स का नाम उजागर नहीं किया, लेकिन किस्सा कुछ यूं है –
1980 के दशक की बात है। फिल्म इंडस्ट्री का एक बड़ा एक्टर, जिसने पैरलल सिनेमा में बहुत नाम और सम्मान कमाया था, उसने डायरेक्शन की दुनिया में कदम रखा। इससे पहले वो दो फिल्में डायरेक्ट कर चुका था। उसी ने टॉम ऑल्टर को अपनी नई फिल्म में साइन किया।
इस फिल्म में वो खुद हीरो था और टॉम साहब को मुख्य विलेन के रोल के लिए लिया गया।
लुक टेस्ट भी हो चुका था और सबकुछ तय हो गया था।
ये टॉम ऑल्टर के करियर का अब तक का सबसे बड़ा रोल था।
वो बेहद उत्साहित थे। खबर भी इंडस्ट्री में फैल चुकी थी कि टॉम को एक बड़े रोल में कास्ट किया गया है।
शूटिंग शुरू होने का उन्हें बेसब्री से इंतज़ार था।
लेकिन… शूट शुरू होने से ठीक पहले ही टॉम ऑल्टर को उस एक्टर के ऑफिस से फोन आया –
“आपको फिल्म से हटा दिया गया है।”
कारण नहीं बताया गया।
टॉम ने बार-बार उस एक्टर से संपर्क करने की कोशिश की – कभी घर फोन लगाया, कभी ऑफिस।
लेकिन हर बार यही जवाब मिला –
“वो बिज़ी हैं, बात नहीं कर सकते।”
दिन बीतते गए, पर कोई जवाब नहीं मिला।
आखिरकार टॉम को पता चला कि फिल्म ही कैंसिल हो गई है।
लेकिन उस एक्टर ने उन्हें कभी खुद फोन करके कुछ नहीं बताया, न ही कोई सफाई दी।
ये टॉम ऑल्टर के लिए बहुत ही निराशाजनक अनुभव था।
कुछ समय बाद उनके एक दोस्त, जो खुद इंडस्ट्री के नामी एक्टर थे, उन्होंने टॉम को बताया कि असल वजह क्या थी।
दरअसल, कुछ डिस्ट्रीब्यूटर्स और फाइनेंसर्स ने उस डायरेक्टर को कहा था –
“एक अंग्रेज़ी चेहरे वाले एक्टर को इतनी बड़ी निगेटिव भूमिका में लेना रिस्की है। लोग अजीब समझेंगे और फिल्म फ्लॉप हो जाएगी। हमें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।”
ये सुनकर टॉम साहब का दिल टूट गया।
उनके साथ एक मशहूर अदाकारा, जो उनकी करीबी दोस्त थीं, उन्होंने समझाया –
“इस फिल्म को भूल जाओ टॉम… ये तुम्हारे साथ बनने के लिए थी ही नहीं।”
वक्त के साथ टॉम ऑल्टर उस कड़वे अनुभव से उबर गए और आगे बढ़ गए।
लेकिन जब भी वो घटना उन्हें याद आती, उनके चेहरे पर हल्की उदासी आ ही जाती थी।
Conclusion
टॉम ऑल्टर साहब ने अपने अभिनय से हिंदी सिनेमा और टेलीविज़न दोनों में एक अमिट छाप छोड़ी। नीली आंखों वाले इस कलाकार ने हमें गब्बर सिंह जैसे विलेन की कहानियाँ सुनाई, राज कपूर जैसे शोमैन के साथ स्क्रीन शेयर की, महेश भट्ट की फिल्मों में अहम किरदार निभाए और ‘जुनून’ जैसे टीवी शो से घर-घर में पहचान बनाई। उनकी ज़िंदगी के किस्सों में कभी हंसी है, कभी दर्द, और कभी प्रेरणा।
29 सितंबर 2017 को महज़ 67 साल की उम्र में कैंसर से जूझते हुए उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन आज भी टॉम ऑल्टर को उनकी अभिनय प्रतिभा, ज़मीन से जुड़े स्वभाव और भारतीय सिनेमा के लिए उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
टॉम साहब भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनके किस्से और किरदार हमेशा जिंदा रहेंगे।
टॉम ऑल्टर जी को श्रद्धांजलि। 🙏