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देवदास 2002 की अनसुनी कहानियाँ | शाहरुख खान, माधुरी, ऐश्वर्या और भंसाली के ड्रीम प्रोजेक्ट के राज Devdas Unknown Facts Hindi

संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी देवदास को 23 साल हो गए है। फिल्म में शाहरुख खान ने देव, ऐश्वर्या राय बच्चन ने पारो, और माधुरी दीक्षित ने चंद्रमुखी का रोल निभाकर कमाल कर दिया था। 50 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 168 करोड़ की कमाई की थी । देवदास फिल्म को प्रोड्यूसर भरत शाह ने प्रोड्यूस की थी। और इस्माइल दरबार ने फिल्म में संगीत दिया था। फिल्म की मैकिंग से जुड़ी बहुत सारी दिलचस्प बातें आज आपको बताएंगे, जिन्हे पढ़कर आप चौंक जाएंगे। Devdas Unknown Facts
शाहरुख खान का असली नशे में शूटिंग करना
देवदास में की सारे ऐसे सीन है जिसमें शाहरुख खान नशे में डायलॉग बोलते हुए दिखते है, बता दे की इन सीन्स को परफेक्ट शूट करने के लिए शाहरुख ने सच में शराब पी ली थी। हालांकि नशे में होने की वजह से रिटेक्स भी काफी ज्यादा हुए, लेकिन अल्टीमेटली शाहरुख ने बढ़िया शॉट्स दिए। और देवदास में उनकी ऐक्टिंग कमाल कर गई।

Devdas 2002 unknown facts
शूटिंग के लिए 42 जेनरेटर्स का इंतज़ाम और शादी वालों की परेशानी
देवदास की जब शूटिंग हो रही थी तब मुंबई में की सारे लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा। क्युकी देवदास की भव्य शूटिंग के लिए संजय लीला भंसाली ने पूरे 42 जनरेटर्स मँगवाए थे। और उन दिनों शादियों का सीजन चल रहा था, तो लोगों को शादियों में जनरेटर्स नहीं मिल रहे थे। (Devdas Unknown Facts )
श्रेया घोषाल का डेब्यू और उनका संघर्ष
देवदास फिल्म श्रेया की पहली डेब्यू फिल्म थी, उन्होंने पहला गाना देवदास के लिए ”बैरी पिया” गाया। बता दे की उस वक्त श्रेया की उम्र मात्र 16 साल थी, और उनकी 12 वीं के एक्जाम भी चल रहे थे। उन दिनों श्रेया रिकॉर्डिंग के साथ अपनी किताबें साथ लाती थी, और रिकॉर्डिंग खत्म होने के बाद पढ़ाई करती थी।
श्रेया को मिला नेशनल अवॉर्ड और फिल्मफेयर
देवदास के गाने बैरी पिया को बहुत ज्यादा पसंद किया गया। इस गाने के लिए श्रेया घोसाल को बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया। फिल्म से जुड़े विडिओ यहाँ देखें
‘डोला रे डोला’ और ऐश्वर्या के कानों से खून
देवदास के गाने ‘डोला रे डोला’ की शूटिंग के दौरान ऐश्वर्या राय को भारी इयररिंग पहनने की वजह से उनके कानों से खून बहने लगा था, लेकिन ऐश्वर्या बिना किसी परवाह किए, बिना शूटिंग रोके अपने सीन्स अच्छे से रिकार्ड किए, और गाना जब पूरा शूट हो गया तब जाकर संजय लीला भंसाली और बाकी लोगों को पता चला कि ऐश्वर्या के कानों से खून बह रहा है।

Devdas 2002 unknown facts
माधुरी दीक्षित के कोठे पर खर्च हुए 12 करोड़
देवदास फिल्म में चंद्रमुखी के कोठे को एक झील के किनारे बनाया गया था। उस समय मौसम ऐसा था कि उस झील का पानी लगातार सूखता जा रहा था, तब संजय लीला भंसाली ने अपने प्रोडक्शन टीम को निर्देश दिए थे झील में रोज पानी भरवाया जाए। बता दे की तब 10 से 12 पानी के टैंकर रोज झील में डलते थे। और चंद्रमुखी के इस कोठे को बनाने में भंसाली को 12 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े।
माधुरी दीक्षित के महंगे कपड़े और भारी घाघरा
फिल्म के साथ ही भंसाली ने माधुरी के कपड़ों पर भी बहुत पैसा खर्च किया। माधुरी पर फिल्माए गए गाने,’काहे छेड़-छेड़ मोहे’ का पिक्चराइजेशन बेहद भव्य था। इस गाने में माधुरी ने जो घाघरा पहन था, उस घाघरे का वजन 12 किलो था। हालांकि इससे पहले भी माधुरी के लिए 30 किलो का घाघरा तैयार किया गया था, पर उस घाघरे का वजन इतना ज्यादा था की इतने भारी वजन के साथ माधुरी को नृत्य करने में परेशानी हो रही थी।
पारो के लिए 600 साड़ियां
ऐश्वर्या राय के किरदार पारो के लिए डिजाइनर नीता लुल्ला और संजय लीला भंसाली ने कोलकाता से 600 साड़ियाँ खरीदी थी।
माधुरी दीक्षित की प्रेग्नेंसी वाली अफवाह
जब देवदास की शूटिंग आधे से ज्यादा कंप्लीट हो गई तब किसी ने यए अफवाह उड़ा दी थी, माधुरी दीक्षित प्रेग्नेंट हो गई है। इससे संजय लीला भंसाली और प्रोड्यूसर भरत शाह की चिंता बढ़ गई, लेकिन बाद में जब उन्हे पता चला की ये अफवाह है, तब जाकर उनकी जान में जान आई। वैसे भंसाली को टेंशन होना लाजमी भी था, क्योंकि देवदास अपने जमाने की सबसे महंगी फिल्म थी, जिसे बनाने में संजय लीला भंसाली ने 50 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
देवदास और ऑस्कर्स
देवदास को 75 वें ऑस्कर में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भारत की ऑफिशियल एंट्री के तौर पर भेजा गया था। लेकिन जबरदस्त फिल्म होने के बावजूद फिल्म को नॉमिनेशन तक नहीं मिला। बाद में फिल्मफेयर अवार्ड्स में देवदास ने धूम मचा दी, और टोटल 11 फिल्मफेयर अवॉर्ड देवदास ने जीते थे। इसके साथ ही देवदास ने पांच नेशनल अवॉर्ड भी अपने नाम किए थे।
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Shakti Kapoor Biography in Hindi – 700 फिल्मों के सुपरस्टार की पूरी कहानी, बचपन से बॉलीवुड तक का सफर

Shakti Kapoor – हिन्दी सिनेमा का ऐसा नाम जिसने अपनी खतरनाक विलेनी से दर्शकों को खूब डराया और फिर अपनी कॉमेडी से खूब हँसाया भी। चार दशकों से bollywood में ऐक्टिव Shakti Kapoor ने 700 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है, और अपनी एक अलग पहचान बनाई है। शक्ति कपूर की कहानी संघर्ष, विवाद और सफलता की दिलचस्प कहानी है, जिसे जानना हर सिने प्रेमी के लिए जरूरी है।
Shakti Kapoor का शुरुआती जीवन
शक्ति कपूर का जन्म 3 सितंबर 1952 को दिल्ली के कारोल बाग में हुआ था। इनके पिता का नाम सिकंदर लाल कपूर था और वे एक टेलर मास्टर थे, दिल्ली के कनॉट पेलेस में उनकी खुद की दुकान थी। एक छोटे से घर में वो अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ खुशी से रह रहे थे। सिकंदर लाल कपूर ने अपने बेटे को नाम दिया था सुनील कपूर, यानि शक्ति कपूर का असली नाम सुनील कपूर है।
स्कूल से निकाले गए Shakti Kapoor
Shakti Kapoor बचपन से ही बड़े शरारती थर, स्कूल में इनका मन पढ़ाई में कम और आवारगर्दी में ज्यादा लगता था, इस वजह से इन्हे स्कूल से निकाला जा चुका था, लेकिन जैसे तैसे इन्होंने 12 वीं की पढ़ाई पूरी की और स्पोर्ट्स कोटे से इन्हे दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन मिल गया।
जब कैप्टन की गर्लफ्रैंड से चला Shakti Kapoor का अफेयर
कॉलेज के दिनों से ही शक्ति कपूर बढ़िया क्रिकेट खेलते आए है। इसी वजह से इन्हे किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन मिल था, लेकिन यहाँ पर उनका अफेयर टीम के कप्तान की गर्लफ्रेंड से हो गया। जब कैप्टन को इस बात का पता चला तो उन्होंने ना सिर्फ शक्ति कपूर से अपनी गर्लफ्रेंड को दूर किया बल्कि शक्ति कपूर को क्रिकेट टीम भी निकलवा भी दिया।
मॉडलिंग और शुरुआती करियर
कॉलेज के दिनों से ही शक्ति कपूर को मॉडलिंग के ऑफर्स आने लगे थे, दरअसल यए जिस पान की दुकान से सिगरेट खरीद कर पीते थे, उसका मालिक अक्सर इनसे कहता था, की तुम्हारी शक्ल सूरत काफी अच्छी है तुम्हें मॉडलिंग या फिल्मों में काम करना चाहिए। और शक्ति कपूर की किस्मत ने भी साथ दिया, इन्हे जलाल आग़ा ने सूर्यावंशी शूटिंग्स नाम के एक Clothing ब्रांड का ऐड शूट करने का ऑफर मिला। इसके बाद इन्हे और भी कई ऐड शूट करने के ऑफर आए, इनसे इनकी इतनी कमाई हो जाती थी की यए दोस्तों के साथ सिगरेट शराब और आवारागर्दी कर सके।
ट्रैवल एजेंसी खोलने का सपना
शक्ति कपूर जब कॉलेज में थे तभी से उनका सपना खुद की ट्रेवल एजेंसी खोलने का था। और उनको इसका तजुर्बा भी था, दरअसल कॉलेज के दिनों में वो एक ट्रेवल अजेंसी में भी काम कर चुके थे, उनके पिता ने उनसे कहा था की तुम मेरी दुकान से आधा हिस्सा लेकर अपनी ट्रेवल एजेंसी खोल सकते हो।
लेकिन जब शक्ति कपूर अपनी ट्रेवल एजेंसी शुरू करने ही वाले थे, तभी अचानक उनके पिता ने उनको अपनी दुकान में आधी जगह देने से साफ इनकार कर दिया। शक्ति कपूर हैरान रह गए और सोच में पड़ गए की अब वो आखिर करें तो करें क्या?

Shakti Kapoor Biography in hindi
FTII और मुंबई का सफर
पिता के मना करने के बाद शक्ति कपूर को अपने भविष्य की चिंता होने लगी और वो परेशान रहने लगे। तभी उन्हे पता चला की इनके दोस्त FTII पुणे में एडमिशन लेने का प्लान बना रहे है, और उसका फॉर्म भर रहे है, दोस्तों को ऐसा करते देख शक्ति कपूर ने भी ये सोचकर फॉर्म भर दिया कि अगर एडमिशन नहीं मिला, तो कम से कम पुणे घूमने का मौका तो मिलेगा। और दोस्तों के साथ ये निकल पड़े पुणे के लिए, इत्तेफाक से इनके किसी दोस्त का तो एडमिशन FTII में नहीं हुआ, लेकिन इन्हे जरूर FTII में चुन लिया गया, तभी शक्ति कपूर को एहसास हो गया था की किस्मत ने उनके लिए क्या प्लान किया है।
फिल्मी करियर की शुरुआत
SHAKTI KAPOOR जब FTII में थे तभी इन्हे एक फिल्म में काम करने का मौका मिल गया, उस फिल्म का नाम था “खेल खिलाड़ी का” जिसमे धर्मेन्द्र और शबाना आजमी मुख्य भूमिका में थे। ये फिल्म तो उतना नहीं चल पाई लेकिन शक्ति कपूर के उस छोटे से रोल को दर्शनों ने पसंद किया।
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बड़े ब्रेक और करियर की बुलंदी
खेल खिलाड़ी का फिल्म के बाद इन्होंने दरवाज़ा, अलीबाबा मरजीना सहित कई फिल्मों में काम किया, लेकिन इनको सफलता मिली साल 1981 में आई संजय दत्त की फिल्म रॉकी से। रॉकी जब रिलीज हुई तो फिल्म इंडस्ट्री यए समझ गई की शक्ति कपूर में काफी पोटेन्सियल है, और वे एक बढ़िया कलाकार है, इसके बाद तो शक्ति कपूर की किस्मत पूरी तरह से पलट गई। फिल्मों के ऑफर आने लगे, और देखते ही देखते शक्ति कपूर भारत में एक जाना पहचाना चेहरा बन गए।
सुनील कपूर से कैसे बने Shakti Kapoor?
सुनील कपूर से शक्ति कपूर बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल सुनील दत्त ने इन्हे रॉकी फिल्म में कास्ट किया था, और वो शक्ति कपूर की एक्टिंग से काफी प्रभावित थे। एक दिन उन्होंने शक्ति कपूर को अपने पास बुलाया और उनसे कहा की तुम्हारी ऐक्टिंग तो शानदार है और तुम विलेन के रोल में जचते भी हो, लेकिन तुम्हारा नाम तुम्हारे काम से मैच नहीं करता, तो क्यों ना तुम अपना नाम सुनील कपूर से बदल कर शक्ति कपूर रख लो।
सुनील दत्त साहब का यए आइडिया शक्ति कपूर को भी पसंद आया, और इस तरह सुनील कपूर बन गए शक्ति कपूर।
विलेन से कॉमेडियन तक का सफर
रॉकी के बाद इन्हे प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई जैसे दिग्गज डायरेक्टर्स ने अपनी फिल्मों में काम देना शुरू कर दिया। शुरू में इन्हे विलेन के रोल मिले। और बाद में कॉमेडी में भी खूब नाम कमाया। कादर खान और शक्ति कपूर की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे हिट जोड़ियों में से एक थी, गोविंदा के साथ भी इनकी जोड़ी खूब जमी। राजा बाबू में इनके नंदू के किरदार को याद करके तो लोग आज भी हँसते हँसते लोटपोट हो जाते है। तो वही अंदाज अपना अपना में क्राइम मास्टर गोगो का किरदार निभाकर इन्होंने अपना नाम सिनेमा में इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखवा लिया।
Shakti Kapoor का निजी जीवन
शक्ति कपूर में शिवांगी कोल्हापुरे से शादी की थी। शिवांगी कोल्हापुरे 80 और 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे की बहिन है। शक्ति कपूर और शिवांगी कोल्हापुरे ने साथ में एक फिल्म में काम किया था, और वहीं से इन दोनों को प्यार हो गया था। लेकिन शुरुआत में शिवांगी के माता पिता को शक्ति कपूर पसंद नहीं थे। इसलिए उन्होंने शिवांगी पर घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी।
एक दिन मौका पाकर शिवांगी घर से भागकर शक्ति कपूर के पास आ गई और दोनों ने माता पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी कर ली। इस घटना के बाद शिवांगी के माता पिता बहुत नाराज हुए और उन्होंने शिवांगी से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लिए।
फिर जब शक्ति कपूर का बीटा सिद्धांत हुआ तब जाकर उनकी नाराजगी खत्म हुई और उन्होंने शक्ति कपूर को अपना दामाद स्वीकार कर लिया।
विवादों से भरा रहा Shakti kapoor का जीवन
शक्ति कपूर का जीवन काफी विवादो से घिरा रहा, साल 2000 में इनकी एक फिल्म आई “मेरे आगोश में” इस फिल्म में शक्ति कपूर के कई आपत्तिजनक सीन थे। उस सीन में नजर आने वाली लड़की ने छाती पर कुछ नहीं पहना था, यानि टॉपलेस थी, और शक्ति कपूर उनपर रैप सीन कर रहे थे। इन सीन्स के आने के बाद काफी विवाद हुआ और शक्ति कपूर की काफी बदनामी भी हुई।
इसके बाद साल 2005 में इंडिया टीवी ने अपने एक स्टिंग ऑपरेशन में शक्ति कपूर का एक विडिओ जारी किया जिसमें शक्ति कपूर एक एक्ट्रेस को फिजिकली इंटीमेट होने के कह रहे थे, इसके बदले में शक्ति कपूर ने उसको फिल्मों में काम देने का वादा किया। इस विडिओ के बबद तो शक्ति कपूर की खूब बदनामी हुई, और उनकी ज़िंदगी उथल पुथल हो गई।
Shakti Kapoor का योगदान और विरासत
शक्ति कपूर से जुड़े विवादों को अगर भूल दिया जाए तो यए कहने में कोई अतिसयोक्ति नहीं होगी कि शक्ति कपूर एक बेहद उमदा कलाकार है। हिन्दी सिनेमा में उनके जैसा कलाकार फिर कभी नहीं आएगा। शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा कपूर भी आज बॉलीवुड में एक बड़ा नाम बन चुकी है। और शक्ति कपूर भी अभी फिल्मों में ऐक्टिव है। बॉलीवुड में उनके योगदान को हम सलाम करते है।
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शोले फिल्म में गब्बर सिंह का पूरा नाम क्या था? Sholay Movie Facts Hindi

भारत की मोस्ट आइकॉनिक फिल्म शोले को भला कौन भूल सकता है। 1975 में रिलीज हुई इस फिल्म ने अपने 50 साल पूरे कर लिए है। इस मौके पर आज हम गब्बर सिंह के बारे में कुछ दिलचस्प बातों को बताएंगे, जिन्हें जानकार आप हैरान हो जाओगे। Sholay Movie Facts Hindi

Sholay Movie Facts Hindi
अमजद खान बने थे गब्बर
शोले के गब्बर सिंह का किरदार महान अभिनेता अमजद खान ने निभाया था। फिल्म में वो ऐसे डाकू के रोल में थे जिसकी दहशत पूरे रामगढ़ गांव में होती है। दहशत ऐसी की अगर रामगढ़ गांव के 50-50 कोस दूर गांव में अगर कोई बच्चा रोता था, तो उसकी मां उससे कहती है ,कि सो जा बेटे , नहीं तो डाकू गब्बर सिंह आ जाएगा।

Sholay Movie Facts Hindi
गब्बर सिंह का पूरा नाम क्या था?
बहुत से लोग ये सवाल के पूछते है कि शोले फिल्म के खतरनाक विलेन डाकू गब्बर सिंह का असली नाम क्या था? ये सवाल बहुत से लोगों के मन में होता है। अगर आपने शोले फिल्म ध्यान से देखी होगी तो आपको इसका उत्तर जरूर पता होगा। नहीं पता तो हम आपको बता देते है। फिल्म का वो सीन जब ठाकुर बलदेव सिंह गब्बर सिंह को पकड़ कर जेल में डाल देता है। तब अदालत में उसके खिलाफ मामला चलता है, और अदालत में उसका नाम लेकर बुलाया जाता है। तब कोर्ट क्लर्क कहता है, “डाकू गब्बर सिंह वल्दे (पुत्र) हरी सिंह”।
तो अगली बार जब कोई गब्बर सिंह का पूरा नाम पूछे तो सीना ठोक के कह देना, “डाकू गब्बर सिंह वल्दे हरी सिंह।”

Amzad Khan as Gabbar Singh in Sholay Movie
गब्बर सिंह के प्रसिद्ध डायलॉग्स
उनके डायलॉग्स आज भी हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध डायलॉग्स में गिने जाते है। जैसे,
“अरे ओ सांभा.. कितने आदमी थे?”
“जो डर गया, समझो मर गया!”
“बहुत याराना लगता है!”
“तेरा क्या होगा कालिया?”
“ये हाथ हमको दे दे ठाकुर!”
यही डायलॉग्स गब्बर को आज भी बॉलीवुड का सबसे यादगार विलेन बनाते है।

Amzad Khan as Gabbar Singh in Sholay Movie
क्यों है गब्बर सिंह आज भी यादगार?
अमजद खान ने गब्बर के किरदार को सिर्फ निभाया ही नही था, बल्कि उस किरदार को जिया था। उनकी हँसी, डायलॉग डिलीवरी और हाव-भाव ने इस किरदार को हमेशा के लिए यादगार बना दिया।
गब्बर सिंह का किरदार ना सिर्फ फिल्मों में बल्कि कॉमिक्स, विज्ञापनों और सोशल मीडिया Meme’s में आज भी जिंदा है।
दोस्तों आप हमे कमेंट करके बताइए, आपको गब्बर का कौनसा सीन बार बार देखने को मन करता है?

Sholay Gabbar Singh Meme’s
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मूवीज़
भारत की पहली हिन्दी फिल्म जिसका म्यूजिक स्टीरियो में रिकार्ड हुआ था, sholay Movie interesting facts

भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ फिल्मे सिर्फ देखी ही नहीं जाती, बल्कि पीढ़ियों तक जी जाती है, Sholay Movie (शोले)उन्ही फिल्मों में से एक है।
फिल्म की कहानी एक डकैत गब्बर सिंह और उससे बदला लेने वाले ठाकुर बलदेव सिंह के इर्द गिर्द घूमती है। ठाकुर, जय और वीरु नाम के दो छोटे-मोटे अपराधियों को गब्बर सिंह से बदला लेने के लिए बुलाता है। इस बीच दोस्ती, प्यार, बलिदान और बदले की कहानी दर्शकों के दिलों को छू जाती है।

jai and veeru meet thakur baldev singh in sholay movie
शोले भारत की पहली हिंदी फिल्म थी जिसमें बैकग्राउंड म्यूजिक और साउंड इफेक्ट्स को स्टीरियोफोनिक साउंड इफेक्ट (Surround Feel) में रिकॉर्ड किया गया था। फिल्म की कहानी, संगीत, और डायलॉग्स सब कुछ शानदार था। 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई शोले आज भी कल्ट क्लासिक मानी जाती है। SHOLAY का निर्देशन Ramesh Sippy ने किया था, और सिप्पी के निर्देशन में बनी शोले फिल्म ने कई पुराने रिकॉर्ड्स तो तोड़े ही थे, बल्कि इसने कई नए रिकॉर्ड्स भी अपने नाम किए थे।

amitabh bacchan and dharmendra as jai and veeru
फिल्म में संजीव कुमार ने ठाकुर बलदेव सिंह का किरदार निभाया, धर्मेंद्र वीरू के रोल में दिखे, अमिताभ जय के, जया भादुड़ी राधा बनी, हेमा मालिनी ने बसंती तांगेवाली का रोल निभाया, अमजद खान गब्बर सिंह बने, सूरमा भोपाली के रूप में जगदीप दिखे, तो वहीं असरानी ने अंग्रेजों के जमाने के जेलर का शानदार रोल प्ले किया।
फिल्म की कहानी बड़ी भी शानदार थी, शोले की कहानी सलीम – जावेद ने लिखी थी।
कहानी के साथ शोले फिल्म का म्यूजिक भी लोगों ने पसंद किया , शोले का म्यूजिक R.D. बर्मन ने तैयार किया था।
फिल्म के गाने, ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, जिसे किशोर कुमार और मन्ना डे ने गाया था।
हां जब तक है जान, जिसे लता मंगेशकर ने गाया, कोई हसीना जब रूठ जाती है, इसे किशोर कुमार और हेमा मालिनी ने गाया, होली के दिन दिल खिल जाते है, इसे लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने गाया, और महबूबा महबूबा जिसे R D बर्मन ने गाया था। फिल्म के ये सभी गाने आज भी पसंद किए जाते है।

veeru and basanti
इसके साथ ही शोले फिल्म में एक कव्वाली भी रखी गई थी, जिसे सूरमा भोपाली यानी जगदीप पर फिल्माई जानी थी, लेकिन चूंकि शोले फिल्म की लंबाई पहले से काफी ज्यादा बड़ी हो चुकी थी, तो इस कव्वाली को रिकॉर्ड तो कर लिया गया था, लेकिन इसे फिल्माया नहीं जा सका। वो कव्वाली थी – चांद सा कोई चेहरा जिसे किशोर कुमार और मन्ना डे ने गाया था। ये कव्वाली फिल्म में तो नहीं है लेकिन यूट्यूब पर जरूर उपलब्ध है।

jagdeep as soorma bhopali
कुल मिलकर शोले की कहानी, संगीत सब कुछ नेक्स्ट लेवल का था।
3 करोड़ के बजट में बनी शोले ने भारत में 15-20 करोड़ , और दुनियाभर में 35 करोड़ की कमाई की। और कमाई के मामले में शोले फिल्म उस जमाने की अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। आज की महंगाई के हिसाब से देखें, तो ये आंकड़ा 1000 करोड़ के पार जाएगा।
फिल्म की पूरी शूटिंग बंगलोर के पास रामनगरम इलाके में की गई थी। फिल्म में इस जगह को रामगढ़ के रूप में दिखाया गया था। फिल्म की शूटिंग करीब 2 साल तक चली थी। बता दे की आज भी इस इलाके को सिप्पी नगर के रूप में जाना जाता है।
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