जीवनी
90s Villain Raghuvaran Death Story: 90s का वो विलेन जिसने हीरो को भी पीछे छोड़ दिया.
80 और 90 दशक का वो खतरनाक विलेन जिसका नाम सुनते ही सिनेमा हाल में सन्नाटा छा जाता था। जिसके सामने बड़े बड़े हीरो फीके पड़ जाते थे। जो फिल्मों में आया तो था हीरो बनने पर विलन बन कर रह गया। साउथ से लेकर बॉलीवुड तक रघुवरन ने अपने विलेन के किरदारों से दर्शकों के दिलों में खौफ और सम्मान दोनों ही जगा दिए थे। उनके डायलॉग्स और आंखों में गुस्से की जो जलन थी, वह किसी और के पास नहीं थी।
रघुवरन का शुरुआती जीवन
रघुवरन का जन्म 11 दिसंबर 1958, केरल में हु था। पिता छोटा होटल चलाते थे और परिवार सामान्य जीवन जी रहा था। बचपन से ही वो पढ़ाई में कमजोर थे, लेकिन दोस्तों के साथ सिनेमा देखकर उनका झुकाव ऐक्टिंग की तरफ झुक गया। उन्होंने अपनी बीए की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर चेन्नई के MGR ऐक्टिंग स्कूल में दाखिल ले लिया।
हीरो से विलेन तक का सफर
रघुवरन ने साल 1982 में एक तमिल फिल्म से बतौर हीरो अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन वो फिल्म बुरी तरह से पीट गई। उन्होंने समझ लिया की हीरो बनकर उनकी दाल गलने वाली नहीं है, तो उन्होंने साल 1983 में सिल्क नायक की एक तमिल फिल्म में विलन का रोल निभाया तो उनके करियर की गाड़ी दौड़ पड़ी, उन्होंने फैसला कर लिया की अब वो फिल्मों में सिर्फ खलनायक का रोल ही निभाएंगे।
बॉलीवुड में एंट्री और हिट फिल्में
पहली बार उन्होंने राम गोपाल वर्मा की फिल्म शिवा के हिन्दी रीमेक में नागार्जुन के साथ काम किया, और इस फिल्म में भी उन्होंने विलेन का ही रोल किया। रघुवरन ने फिल्म में भवानी का रोल निभाया था, और ये रोल इतना दमदार था की हर कोई रघुवरन की ऐक्टिंग देखकर हैरान हो गया।
यादगार बॉलीवुड फिल्में
इसके बाद रघुवरन ने दिलीप कुमार की फिल्म इज़्ज़तदार (1990) में भी विलेन का ही रोल किया। बाद में सुनील शेट्टी के साथ फिल्म रक्षक (1996) में और अमिताभ के साथ लाल बादशाह (1999) में उन्होंने विलेन का रोल करके दर्शकों को खूब डराया। साल 2000 में रन फिल्म में वो माधवन के बहनोई बने और सबके दिलों में जगह बना ली।
रजनीकांत का पसंदीदा विलेन
बात दे की साउथ के सुपरस्टार रजनीकान्त भी रघुवरन की ऐक्टिंग के कायल थे। रजनीकान्त कहते थे की मेरी फिल्म अगर हिट हुई है तो सिर्फ रघुवरण की वजह से। यहाँ तक की वो खुद डायरेक्टर से कहकर रघुवरन को अपनी फिल्मों में लेकर आते थे।
रघुवरन की पर्सनल लाइफ
रघुवरन ने साल 1996 में रोहिणी से शादी की, इनसे इन्हे एक बेटा भी हुआ, लेकिन ये शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी।करियर के साथ साथ उनको शराब की लत लग गई और फिर 2004 में उनका तलाक हो गया। तलाक हो जाने के बाद अकेलेपर का साथी सिर्फ शराब ही थी। वो दिन रात नशे में चूर रहने लगे।
दर्दनाक अंत | रघुवरन की मौत
अत्यधिक मात्रा में शराब की लत के चलते उनका लीवर खराब हो गया, अस्पताल में बार बार भर्ती होने लगे, लेकिन शराब की लत फिर भी नहीं छूटी। और फिर एक दिन 19 मार्च 2008 की सुबह लगभग 6:00 बजे उनका दिल धड़कना बंद हो गया, कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही रघुवरन दुनिया को छोड़कर जा चुके थे।
रघुवरन भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके निभाए किरदार हमेशा याद किए जाएंगे। वो विलेन जिसने हीरो से ज्यादा ताली बजवाई, वही रघुवरन आज भी फिल्म इंडस्ट्री के लेजेंड्स में गिने जाते हैं। रघुवरन की कहानी विस्तार से जानने के लिए आप नीचे दिए गए विडिओ को जरूर देखे।